बुद्धिमान गधा


एक दिन एक किसान का गधा कुएं में गिर गया। वह गधा घंटों जोर-जोर से रेंकता (गधे के बोलने की आवाज) रहा से और किसान सुनता रहा और विचार करता रहा कि उसे क्या करना चाहिए और क्या नहीं।

आखिर उसने निर्णय लिया कि गधा काफी बूढा हो चूका था, उसे बचाने से कोई लाभ होने वाला नहीं था इसलिए उसे कुएं में ही दफना देना चाहिए।

किसान ने अपने सभी पड़ोसियों को मदद के लिए बुलाया। सभी ने एक-एक फावड़ा पकड़ा और कुएं में मिट्टी डालनी शुरू कर दी। जैसे ही गधे कि समझ में आया कि यह क्या हो रहा है, वह और जोर से चीख कर रोने लगा। और फिर, अचानक वह आश्चर्यजनक रुप से शांत हो गया।

सब लोग चुपचाप कुएं में मिट्टी डालते रहे। तभी किसान ने कुएं में झांका तो वह हैरान रह गया। अपनी पीठ पर पड़ने वाले हर फावड़े की मिट्टी के साथ वह गधा एक आश्चर्यजनक हरकत कर रहा था। वह हिल-हिल कर उस मिट्टी को नीचे गिरा देता था और फिर एक कदम बढ़ाकर उस पर चढ़ जाता था।

जैसे-जैसे किसान तथा उसके पड़ोसी उस पर फावड़ों से मिट्टी गिराते वैसे वह हिल कर उस मिट्टी को गिरा देता और एस सीढी ऊपर चढ़ आता । जल्दी ही सबको आश्चर्यचकित करते हुए वह गधा कुएं के किनारे पर पहुंच गया और फिर कूदकर बाहर भाग गया।

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